डॉ. राघव चौहान आधुनिक युग के एक युवा (25 वर्षीय) लेखक हैं, जिन्हें दर्पण छवि लेखक (हिन्दी एवं अंग्रेज़ी दोनों भाषा) के लिए जाना जाता है। राघव चौहान का मूल नाम "रमाकांत सिँह" है। इनका जन्म 06 जुलाई 1997 ई. को उत्तर-प्रदेश राज्य के मुरादाबाद जिले की तहसील ठाकुरद्वारा के एक छोटे से गांव में हुआ। इनके पिता जी "सत्यपाल सिँह (दिवंगत 11 अगस्त 2021) एक अंग्रेज़ी अध्यापक थे और माता "निशा देवी" एक गृहिणी है। राघव चौहान के परिवार में उनकी एक छोटी बहिन भी है, जिसका नाम "शुचिका चौहान" है।
राघव चौहान की प्रारंभिक शिक्षा "रामलाल सिंह चौहान सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज, जसपुर (उत्तराखंड) से हुई। वहाँ से राघव चौहान ने सन् 2011ई. में हाईस्कूल और सन् 2013 ई. में इण्टरमीडिएट की शिक्षा पूर्ण की।
इसके पश्चात सन् 2015 ई. में मैकेनिकल इंजी. में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध बाइक निर्माता कंपनी "हीरो मोटो कॉर्प " की मुख्य वेंडर "मुंजाल शोवा लिमिटेड" से अपने करियर की शुरूआत की।
राघव चौहान एक मिडिल क्लास फैमिली से सम्बंध रखते हैं। पारिवारिक स्थिति कमजोर होने के कारण बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, परंतु राघव चौहान अपने पथ से तनिक भी विचलित नहीं हुए और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ते रहे।
उसके पश्चात वे बी.टेक करने के लिए भगवंत इंस्टीट्यूट ऑफ़ टैक्नॉलॉजी, मुजफ्फरनगर गए। उसी बीच उनके पिता का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी और फिर से प्राइवेट कंपनी को जॉइन किया। सन् 2017 ई. में एलुडेकर लेमिनेशन प्राइवेट लिमिटेड, हरिद्वार कंपनी में "क्वालिटी एक्जीक्युटिव" के पद पर कार्यरत हुए। वहाँ से सब कुछ ठीक था, परंतु मन में कुछ अलग करने का जुनून था।
फिर एक दिन सोचा और अपने अंदर के टैलेंट को परखा। सन् 2018 ई. से लिखना शुरू किया और अपने लेखन की शुरूआत "जीवन एवं आध्यात्मिक ज्ञान" से की। दिन में जॉब और रात में राइटिंग.... राघव चौहान ने तपस्या शुरू कर दी और उन्हें इस तपस्या का फल 1 साल बाद मिला। सन् 2019 ई. उन्हें पुस्तकों में सह-लेखक के रूप में कार्य करने के अवसर मिलने लगे। जहाँ से राघव चौहान के लेखन की प्रशंसा होने लगी और उन्हें "लेखक" के रूप में जाना जाने लगा।
सन् 2020 ई. में लॉकडाउन के समय में अधिकांश कंपनियां बंद हो गयी। राघव चौहान ने इस समय का उपयोग किया और अपनी पहली पुस्तक "जीवन-मंथन (ए राइज़ ऑफ़ इंस्पीरेशन्स) को लिखा। इस पुस्तक में 500 से अधिक दौभाषिक जीवन पर आधारित प्रेरणाप्रद कोट्स लिखे हैं। यह पुस्तक "फ्लेयर्स एंड ग्लेयर्स पब्लिकेशन्स" द्वारा सन् 2021 ई. में प्रकाशित हुई।
इसके पश्चात राघव चौहान को एक नई पहचान मिली और उन्हें "ऑथर" के रूप में जाना जाने लगा। 2021 वर्ष में राघव चौहान ने बहुत सी उपलब्धियों को हासिल किया। उन्हें लेखन क्षेत्र में 9 बुक ऑफ़ रिकॉर्डस एवं बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डस से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय स्तरीय साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
साहित्य क्षेत्र में निरंतर उपलब्धि प्राप्त करने के कारण दिसम्बर 2021 ई. में राघव चौहान को "मानद् डॉक्टरेट " की उपाधि से सम्मानित किया गया और उन्हें ऑफिसियल तौर पर "डॉ. राघव चौहान" के नाम से जाना गया। उसके बाद सन् 2022 में राघव चौहान को भारतीय साहित्य सम्मान 2022 और राष्ट्र प्रेरणा अवॉर्ड्स 2022 से सम्मानित किया गया। 24 जून 2022 को राघव चौहान ने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, जिसमें उन्हें "इंडिया फास्टेट मिरर इमेज राइटर" टाइटल मिला।